आज का व्हॉट्स ऐप् सन्देश
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एक मित्र ने फोटो शेयर किया :
"जैसा संग, वैसा रंग!"
मैंने रिप्लाय किया :
ध्यायतो विषयान्पुन्सो सङ्गस्तेषूपजायते।।
सङ्गात्सञ्जायते कामः कामात् क्रोधोऽभिजायते।।६२।।
क्रोधात्भवति सम्मोहः सम्मोहात् स्मृतिविभ्रमः
स्मृतिभ्रंशाद्बुद्धिनाशः बुद्धिनाशात्प्रणश्यति ।।६३।।
(अध्याय २)
ध्यान निर्गुण है, काम रजोगुण है, क्रोध तमोगुण है।
दैवी ह्येषा गुणमयी मम माया दुरत्यया।।
मामेव ये प्रपद्यन्ते मायामेतां तरन्ति ते।।१४।।
(अध्याय ७)
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