Wednesday, January 18, 2023

अतिथि, तुम कब आओगे?

एक कविता : 19-01-2023

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"जिन्दगी को बहुत प्यार हमने किया, 

मौत से भी मुहब्बत निभाएँगे हम!"

आख्याहि मे को भवानुग्ररूपो

नमोऽस्तुते देववर प्रसीद। 

विज्ञातुमिच्छामि भवन्तमाद्यं 

न हि प्रजानामि तव प्रवृत्तिम्।।३१।।

अतिथि! तुम कब आओगे? 

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(और इसे लिखते लिखते याद आई 19-01-1990 की तिथि,  किसी दिवंगत महापुरुष की पुण्यतिथि, इसलिए उनकी स्मृति को ही यह कविता / पोस्ट समर्पित है।)

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