Wednesday, January 22, 2014

आज का श्लोक / 'हेतुना' / 'hetunA'

आज का श्लोक / 'हेतुना' / 'hetunā'
_______________________

अध्याय 9, श्लोक 10,
--
मयाध्यक्षेण प्रकृतिः सूयते सचराचरम् ।
हेतुनानेन कौन्तेय जगद्विपरिवर्तते ॥
--
(मया अध्यक्षेण प्रकृतिः सूयते स-चराचरम् ।
हेतुना-अनेन कौन्तेय जगत् विपरिवर्तते ॥)
--
भावार्थ :
मेरे ही पूर्ण नियंत्रण में प्रकृति चर-अचर जगत् को जन्म देती है । इन हेतुओं से, इन कारणों, उद्देश्यों, प्रयोजनों आदि से, जगत् सतत् परिवर्तनों से गुज़रता हुआ प्रतीत होता रहता है ।
--
'हेतुना' / 'hetunā' - because of this reason,

Chapter 9, shloka 10,
--
mayādhyakṣeṇa prakṛtiḥ
sūyate sacarācaram |
hetunānena kaunteya
jagadviparivartate ||
--
(mayā adhyakṣeṇa prakṛtiḥ
sūyate sa-carācaram |
hetunā-anena kaunteya
jagat viparivartate ||)

--

Under My Authority, prakRti gives birth to all animate and inanimate beings. And because of this reason only, world is in a state of continuous change.
--



No comments:

Post a Comment