आज का श्लोक, ’संयतेन्द्रियः’ / ’saṃyatendriyaḥ’
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’संयतेन्द्रियः’ / ’saṃyatendriyaḥ’, - जिसकी इन्द्रियाँ वश में हैं,
अध्याय 4, श्लोक 39,
श्रद्धावाँल्लभते ज्ञानं तत्परः संयतेन्द्रियः ।
ज्ञानं लब्ध्वा परां शान्तिमचिरेणाधिगच्छति ॥
--
(श्रद्धावान् लभते ज्ञानम् तत्परः संयतेन्द्रियः ।
ज्ञानम् लब्ध्वा पराम् शान्तिम् अचिरेण अधिगच्छति ॥)
--
भावार्थ :
(परमात्मा को) जानने की उत्कट जिज्ञासा जिसे होती है, और श्रद्धा से युक्त ऐसे मनुष्य को जिसकी इन्द्रियाँ उसके नियंत्रण में हैं, ज्ञान की प्राप्ति होती है, ज्ञान की प्राप्ति के उपरान्त तत्काल ही वह परम शान्ति को प्राप्त हो जाता है ।
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’संयतेन्द्रियः’ / ’saṃyatendriyaḥ’- One having the senses under control.
Chapter 4, shloka 39,
--
śraddhāvām̐llabhate jñānaṃ
tatparaḥ saṃyatendriyaḥ |
jñānaṃ labdhvā parāṃ
śāntimacireṇādhigacchati ||
--
(śraddhāvān labhate jñānam
tatparaḥ saṃyatendriyaḥ |
jñāmam labdhvā parām śāntim
acireṇa adhigacchati ||)
--
Meaning : An earnest and eager seeker endowed with the trust (in Supreme / Brahman / 'Self,') and who has control over the senses, acquires the wisdom, and as soon as he gains wisdom, the peace supreme follows in the instant.
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’संयतेन्द्रियः’ / ’saṃyatendriyaḥ’, - जिसकी इन्द्रियाँ वश में हैं,
श्रद्धावाँल्लभते ज्ञानं तत्परः संयतेन्द्रियः ।
ज्ञानं लब्ध्वा परां शान्तिमचिरेणाधिगच्छति ॥
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(श्रद्धावान् लभते ज्ञानम् तत्परः संयतेन्द्रियः ।
ज्ञानम् लब्ध्वा पराम् शान्तिम् अचिरेण अधिगच्छति ॥)
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भावार्थ :
(परमात्मा को) जानने की उत्कट जिज्ञासा जिसे होती है, और श्रद्धा से युक्त ऐसे मनुष्य को जिसकी इन्द्रियाँ उसके नियंत्रण में हैं, ज्ञान की प्राप्ति होती है, ज्ञान की प्राप्ति के उपरान्त तत्काल ही वह परम शान्ति को प्राप्त हो जाता है ।
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’संयतेन्द्रियः’ / ’saṃyatendriyaḥ’- One having the senses under control.
Chapter 4, shloka 39,
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śraddhāvām̐llabhate jñānaṃ
tatparaḥ saṃyatendriyaḥ |
jñānaṃ labdhvā parāṃ
śāntimacireṇādhigacchati ||
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(śraddhāvān labhate jñānam
tatparaḥ saṃyatendriyaḥ |
jñāmam labdhvā parām śāntim
acireṇa adhigacchati ||)
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Meaning : An earnest and eager seeker endowed with the trust (in Supreme / Brahman / 'Self,') and who has control over the senses, acquires the wisdom, and as soon as he gains wisdom, the peace supreme follows in the instant.
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