आज का श्लोक,
’योगक्षेमम्’ / ’yogakṣemam’
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’योगक्षेमम्’ / ’yogakṣemam’ - कुशल-क्षेम (के दायित्व) को,
अध्याय 9, श्लोक 22,
अनन्याश्चिन्तयन्तो मां ये जनाः पर्युपासते ।
तेषां नित्याभियुक्तानां योगक्षेमं वहाम्यहम् ॥
--
(अनन्याः चिन्तयन्तः माम् ये जनाः पर्युपासते ।
तेषाम् नित्याभियुक्तानाम् योगक्षेमम् वहामि अहम् ॥)
--
भावार्थ :
अपने आपको मुझसे अभिन्न जानते हुए, अनन्य-भक्ति (मैं और वे परस्पर अन्य नहीं, एकमेव हैं, इस भावना) सहित जो मेरा चिन्तन (ध्यान) करते हुए मेरी निष्काम उपासना करते हैं, उन मुझमें नित्य युक्त बुद्धि वाले भक्तों की आवश्यकताओं और कुशलता की चिन्ता मैं ही वहन करता हूँ ।
--
’योगक्षेमम्’ / ’yogakṣemam’ - the responsibilty of (his) well-being (who has dedicated himself unconditionally to Me).
Chapter 9, śloka 22,
ananyāścintayanto māṃ
ye janāḥ paryupāsate |
teṣāṃ nityābhiyuktānāṃ
yogakṣemaṃ vahāmyaham ||
--
(ananyāḥ cintayantaḥ mām
ye janāḥ paryupāsate |
teṣām nityābhiyuktānām
yogakṣemam vahāmi aham ||)
--
Meaning :
Those who have dedicated themselves unreservedly to Me, and always think of Me as their own very Being, and Worship Me through this conviction I carry the burden of all their worries, protect them and care for their wellness.
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’योगक्षेमम्’ / ’yogakṣemam’
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’योगक्षेमम्’ / ’yogakṣemam’ - कुशल-क्षेम (के दायित्व) को,
अध्याय 9, श्लोक 22,
अनन्याश्चिन्तयन्तो मां ये जनाः पर्युपासते ।
तेषां नित्याभियुक्तानां योगक्षेमं वहाम्यहम् ॥
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(अनन्याः चिन्तयन्तः माम् ये जनाः पर्युपासते ।
तेषाम् नित्याभियुक्तानाम् योगक्षेमम् वहामि अहम् ॥)
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भावार्थ :
अपने आपको मुझसे अभिन्न जानते हुए, अनन्य-भक्ति (मैं और वे परस्पर अन्य नहीं, एकमेव हैं, इस भावना) सहित जो मेरा चिन्तन (ध्यान) करते हुए मेरी निष्काम उपासना करते हैं, उन मुझमें नित्य युक्त बुद्धि वाले भक्तों की आवश्यकताओं और कुशलता की चिन्ता मैं ही वहन करता हूँ ।
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’योगक्षेमम्’ / ’yogakṣemam’ - the responsibilty of (his) well-being (who has dedicated himself unconditionally to Me).
Chapter 9, śloka 22,
ananyāścintayanto māṃ
ye janāḥ paryupāsate |
teṣāṃ nityābhiyuktānāṃ
yogakṣemaṃ vahāmyaham ||
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(ananyāḥ cintayantaḥ mām
ye janāḥ paryupāsate |
teṣām nityābhiyuktānām
yogakṣemam vahāmi aham ||)
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Meaning :
Those who have dedicated themselves unreservedly to Me, and always think of Me as their own very Being, and Worship Me through this conviction I carry the burden of all their worries, protect them and care for their wellness.
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