आज का श्लोक, ’साम’ / 'sAma',
________________________
’साम’ / 'sAma' - सामवेद,
अध्याय 9, श्लोक 17,
पिताहमस्य जगतो माता धाता पितामहः ।
वेद्यं पवित्रमोङ्कार ऋक्साम यजुरेव च ॥
--
(पिता अहम् अस्य जगतः माता धाता पितामहः ।
वेद्यं पवित्रम् ओङ्कारः ऋक् साम यजुः एव च ॥)
--
भावार्थ :
मैं इस जगत् का पिता, माता, पालनकर्ता / नियन्ता, विधाता, वेद्य अर्थात् अध्याय 15 के श्लोक 15 के अनुसार जानने योग्य, एकमात्र ज्ञेय*, पवित्र ओङ्कार, ऋग्वेद, सामवेद तथा यजुर्वेद भी ।
--
’साम’ / 'sAma', - sAmaveda,
Chapter 9, shloka 17,
pitAhamasya jagato
mAtA dhAtA pitAnahaH |
vedyaM pavitramomkAra
RksAma yajureva cha ||
--
The Father I AM of this universe, the Mother, the support and the ancestor primordial . The essence of veda, worth-knowing*, The sacred syllable OMkAra, Rgveda, sAmaveda, and yajurveda as well.
*Note : As explained in chapter 15, shloka 15,
2. I always felt amused to see that the 'psalm' where 'p' and 'l' are silent is a cognate of 'sAma'! The simple reasoning, the pronunciation, and the meaning of this word all hint at this possibility.
--
________________________
’साम’ / 'sAma' - सामवेद,
अध्याय 9, श्लोक 17,
पिताहमस्य जगतो माता धाता पितामहः ।
वेद्यं पवित्रमोङ्कार ऋक्साम यजुरेव च ॥
--
(पिता अहम् अस्य जगतः माता धाता पितामहः ।
वेद्यं पवित्रम् ओङ्कारः ऋक् साम यजुः एव च ॥)
--
भावार्थ :
मैं इस जगत् का पिता, माता, पालनकर्ता / नियन्ता, विधाता, वेद्य अर्थात् अध्याय 15 के श्लोक 15 के अनुसार जानने योग्य, एकमात्र ज्ञेय*, पवित्र ओङ्कार, ऋग्वेद, सामवेद तथा यजुर्वेद भी ।
--
’साम’ / 'sAma', - sAmaveda,
Chapter 9, shloka 17,
pitAhamasya jagato
mAtA dhAtA pitAnahaH |
vedyaM pavitramomkAra
RksAma yajureva cha ||
--
The Father I AM of this universe, the Mother, the support and the ancestor primordial . The essence of veda, worth-knowing*, The sacred syllable OMkAra, Rgveda, sAmaveda, and yajurveda as well.
*Note : As explained in chapter 15, shloka 15,
2. I always felt amused to see that the 'psalm' where 'p' and 'l' are silent is a cognate of 'sAma'! The simple reasoning, the pronunciation, and the meaning of this word all hint at this possibility.
--
No comments:
Post a Comment