Thursday, April 10, 2014

आज का श्लोक, ’सामवेदः’ / 'sAmavedaH',

आज का श्लोक, ’सामवेदः’ / 'sAmavedaH',
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’सामवेदः’ / 'sAmavedaH'  - सामवेद,

अध्याय 10, श्लोक 22,

वेदानां सामवेदोऽस्मि देवानामस्मि वासवः ।
इन्द्रियाणां मनश्चास्मि भूतानामस्मि चेतना ॥
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(वेदानाम् सामवेदः अस्मि देवानाम् अस्मि वासवः ।
इन्द्रियाणाम् मनः च अस्मि भूतानाम् अस्मि चेतना ॥)
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भावार्थ :
वेदों में सामवेद हूँ, देवताओं में इन्द्र हूँ, इन्द्रियों में मन हूँ, तथा भूतमात्र में चेतना हूँ ।
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’सामवेदः’ / 'sAmavedaH'  - sAmaveda,

Chapter 10, shloka 22,

vedAnAM sAmavedo'smi
devAnAmasmi vAsavaH |
indriyANAM manashchAsmi
bhUtAnAmasmi chetanA ||
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Meaning :
Among the vedAs, -I AM the samaveda. Among the Gods, -I AM vAsava (Indra, the king of Gods). Among the senses, -I am the mind. And in the beings, I AM  consciousness.
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