आज का श्लोक, ’सीदन्ति’ / 'sIdanti'
______________________________
’सीदन्ति’ / 'sIdanti' - शिथिल,
अध्याय 1, श्लोक 29,
सीदन्ति मम गात्राणि मुखं च परिशुष्यति ।
वेपथुश्च शरीरे मे रोमहर्षश्च जायते ॥
--
(सीदन्ति मम गात्राणि मुखम् च परिशुष्यति ।
वेपथुः च शरीरे मे रोमहर्षः च जायते ॥)
भावार्थ :
मेरे अंग शिथिल हुए जा रहे हैं, मेरा मुख सूखा जा रहा है, मेरा शरीर काँप रहा है, और मेरे रोएँ (भावना के प्रबल आवेग से) खड़े हो रहे हैं ।
--
(संस्कृत - सद्, = बैठना, शिथिल हो जाना, सीदति, अर्थात् बैठता है, सीदन्ति, बहुवचन)
’सीदन्ति’ / 'sIdanti' - benumbed, giving way, heavy,
Chapter 1, shloka 29,
sIdanti mama gAtrANi
mukhaM cha parishuShyate |
vepathushcha sharIre me
romaharShashcha jAyate ||
--
Meaning :
My limbs give way, my mouth is parched, body trembles, and my hair stand on end.
--
[संस्कृत, Sanskrit - सद्, sad > to sit, सीदति, > sits, सीदन्ति, > plural . (they) sit.
The resemblance in meaning either in phonetic way is noteworthy. There is a similar word in English 'sedentary' > meaning sitting. > sedentary life-style.]
--
______________________________
’सीदन्ति’ / 'sIdanti' - शिथिल,
अध्याय 1, श्लोक 29,
सीदन्ति मम गात्राणि मुखं च परिशुष्यति ।
वेपथुश्च शरीरे मे रोमहर्षश्च जायते ॥
--
(सीदन्ति मम गात्राणि मुखम् च परिशुष्यति ।
वेपथुः च शरीरे मे रोमहर्षः च जायते ॥)
भावार्थ :
मेरे अंग शिथिल हुए जा रहे हैं, मेरा मुख सूखा जा रहा है, मेरा शरीर काँप रहा है, और मेरे रोएँ (भावना के प्रबल आवेग से) खड़े हो रहे हैं ।
--
(संस्कृत - सद्, = बैठना, शिथिल हो जाना, सीदति, अर्थात् बैठता है, सीदन्ति, बहुवचन)
--
’सीदन्ति’ / 'sIdanti' - benumbed, giving way, heavy,
Chapter 1, shloka 29,
sIdanti mama gAtrANi
mukhaM cha parishuShyate |
vepathushcha sharIre me
romaharShashcha jAyate ||
--
Meaning :
My limbs give way, my mouth is parched, body trembles, and my hair stand on end.
--
[संस्कृत, Sanskrit - सद्, sad > to sit, सीदति, > sits, सीदन्ति, > plural . (they) sit.
The resemblance in meaning either in phonetic way is noteworthy. There is a similar word in English 'sedentary' > meaning sitting. > sedentary life-style.]
--
No comments:
Post a Comment