Thursday, April 10, 2014

आज का श्लोक, ’साम्नाम्’ / 'sAmnAM',

आज का श्लोक, ’साम्नाम्’ / 'sAmnAM',
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’साम्नाम्’ / 'sAmnAM', - गेय श्रुतियाँ,
 
अध्याय 10, श्लोक 35,

बृहत्साम तथा साम्नां गायत्री छन्दसामहम् ।
मासानां मार्गशीर्षोऽहमृतूनां कुसुमाकरः ॥
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(बृहत्साम तथा साम्नाम् गायत्री छन्दसाम् अहम् ।
मासानाम् मार्गशीर्षः अहम् ऋतूनाम् कुसुमाकरः ॥)
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भावार्थ :
तथा, गेय श्रुतियों में बृहत्साम, और छ्न्दों में गायत्री छन्द मैं, महीनों में मार्गशीर्ष, ऋतुओं में वसन्त मैं ।
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’साम्नाम्’ / 'sAmnAM', - The vedika hymns that are sung with musical notes.

Chapter 10, shloka 35,
bRhatsAma tathA sAmnAM
gAyatrI chhandasAmahaM |
mAsAnAM mArgashIrSho'ha
mRtUnAM kusumAkaraH ||
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Meaning :
Among the vedika hymns that are sung with musical notes -'bRhatsAM', Among the prosody -gAyatrI I AM, Among the months of the year, the month named 'mArgashIrSha', And Among the seasons, the spring I AM.
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