Monday, February 10, 2014

आज का श्लोक, 'ह' / 'ha'

आज का श्लोक / 'ह' / 'ha'
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अध्याय 2, श्लोक 9,
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एवमुक्त्वा हृषीकेशम् गुडाकेशः परंतप ।
न योत्स्य इति गोविन्दमुक्त्वा तूष्णीं  बभूव
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'ह' / 'ha' - निश्चयार्थक अव्यय,
भावार्थ :
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'मैं युद्ध नहीं करूँगा'
श्रीकृष्ण से परंतप गुडाकेश (अर्जुन) इस प्रकार से कहकर मौन हो गया ।
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Chapter 2, shloka 9.
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'ह' / 'ha' > expletive, to express sorrow, disappointment.
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evamuktvA hRShIkeshaM
guDAkeshaH parantapa |
na yotsya iti govindaM
uktvA tUShNIM babhUva ha ||
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Meaning :
Saying so to ShrikrishNa, The Great Ascetic Arjuna, expressed his decision to with-draw from the war, and became silent.
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