Monday, February 10, 2014

आज का श्लोक : 'हतान्' / 'hatAn'

आज का श्लोक / 'हतान्' / 'hatAn'
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’हतान्’ - जिन्हें मारा जा चुका है उन को,
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अध्याय 11, श्लोक 34,
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द्रोणं च भीष्मं च जयद्रथं च कर्णं तथान्यानपि योधवीरान् ।
मया हतांस्त्वं जहि मा व्यथिष्ठा युध्यस्व जेतासि रणे सपत्नान् ॥
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(द्रोणं च भीष्मं च जयद्रथं च कर्णं तथा अन्यान् अपि योधवीरान् ।
मया हतान् त्वं जहि मा व्यथिष्ठा युध्यस्व जेतासि रणे सपत्नान् ॥)
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भावार्थ :
द्रोण, भीष्म, जयद्रथ,, कर्ण और दूसरे भी ऐसे महायोद्धा मेरे द्वारा पहले से ही मारे जा चुके हैं, तुम इसलिए (निमित्तमात्र बनते हुए) मार डालो, उनसे भयभीत होकर व्यथित मत होओ । तुम युद्ध में अवश्य ही जीतोगे, और शत्रुओं को परास्त करोगे ।
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’हतान्’ 'hatAn' - to those who are killed,
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Chapter 11, shloka 34,
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droNaM cha bhIShmaM cha jayadrathaM cha
karNaM tathAnyAnapi yodhavIrAn
mayA hatAnstvaM jahi mA vyathiShThA
yudhyasva jetAsi raNe sapatnAn ||
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droNa, bhiShma, jayadratha, and karNa, and all other such great warriors have been killed by me already. Therefore, don't fear and hesitate, Fight and kill them. You shall conquer these enemies.
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