आज का श्लोक, ’सविज्ञानम्’ / ’savijñānam’
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’सविज्ञानम्’ / ’savijñānam’ - विज्ञानसहित, व्यावहारिक प्रक्रिया,
अध्याय 7, श्लोक 2,
ज्ञानं तेऽहं सविज्ञानमिदं वक्ष्याम्यशेषतः ।
यज्ज्ञात्वा नेह भूयोऽन्यज्ज्ञातव्यमवशिष्यते ॥
--
(ज्ञानम् ते अहम् सविज्ञानम् इदम् वक्ष्यामि अशेषतः ।
यत् ज्ञात्वा न इह भूयः अन्यत् ज्ञानतव्यम् अवशिष्यते ॥)
--
भावार्थ :
मैं इस गूढ आत्मज्ञान को, और इसकी प्राप्ति जिस विधि से होती है उस प्रक्रिया को उसके सम्पूर्ण विज्ञानसहित क्रमबद्ध रीति से तुमसे यथावत् इस प्रकार कहूँगा, जिसे जान लेने के पश्चात् जानने हेतु जगत् में जानने योग्य और कुछ, शेष नहीं रह जाता ।
--
’सविज्ञानम्’ / ’savijñānam’ - with the entire process / whole procedure,
Chapter 7, śloka 2,
jñānaṃ te:'haṃ savijñānam-
idaṃ vakṣyāmyaśeṣataḥ |
yajjñātvā neha bhūyo:'nyaj-
jñātavyamavaśiṣyate ||
--
(jñānam te aham savijñānam
idam vakṣyāmi aśeṣataḥ |
yat jñātvā na iha bhūyaḥ anyat
jñānatavyam avaśiṣyate ||)
--
Meaning :
I shall enunciate for you the whole procedure through which one attains the Supreme knowledge of Self / Brahman. Having learned this, there is nothing else one ever needs to know in this world.
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’सविज्ञानम्’ / ’savijñānam’ - विज्ञानसहित, व्यावहारिक प्रक्रिया,
अध्याय 7, श्लोक 2,
ज्ञानं तेऽहं सविज्ञानमिदं वक्ष्याम्यशेषतः ।
यज्ज्ञात्वा नेह भूयोऽन्यज्ज्ञातव्यमवशिष्यते ॥
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(ज्ञानम् ते अहम् सविज्ञानम् इदम् वक्ष्यामि अशेषतः ।
यत् ज्ञात्वा न इह भूयः अन्यत् ज्ञानतव्यम् अवशिष्यते ॥)
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भावार्थ :
मैं इस गूढ आत्मज्ञान को, और इसकी प्राप्ति जिस विधि से होती है उस प्रक्रिया को उसके सम्पूर्ण विज्ञानसहित क्रमबद्ध रीति से तुमसे यथावत् इस प्रकार कहूँगा, जिसे जान लेने के पश्चात् जानने हेतु जगत् में जानने योग्य और कुछ, शेष नहीं रह जाता ।
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’सविज्ञानम्’ / ’savijñānam’ - with the entire process / whole procedure,
Chapter 7, śloka 2,
jñānaṃ te:'haṃ savijñānam-
idaṃ vakṣyāmyaśeṣataḥ |
yajjñātvā neha bhūyo:'nyaj-
jñātavyamavaśiṣyate ||
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(jñānam te aham savijñānam
idam vakṣyāmi aśeṣataḥ |
yat jñātvā na iha bhūyaḥ anyat
jñānatavyam avaśiṣyate ||)
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Meaning :
I shall enunciate for you the whole procedure through which one attains the Supreme knowledge of Self / Brahman. Having learned this, there is nothing else one ever needs to know in this world.
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