आज का श्लोक ’स्कन्दः’ / 'skandaH'
____________________________
’स्कन्दः’ / 'skandaH' - षडानन, कार्तिकेय,
अध्याय 10, श्लोक 24,
पुरोधसां च मुख्यं मां विद्धि पार्थ बृहस्पतिम् ।
सेनानीनामहं स्कन्दः सरसामस्मि सागरः ॥
--
(पुरोधसाम् च मुख्यम् माम् विद्धि पार्थ बृहस्पतिम् ।
सेनानीनाम् अहं स्कन्दः सरसाम् अस्मि सागरः ॥)
--
हे पार्थ पुरोहितों में प्रधान, अर्थात् बृहस्पति मुझे ही जानो । सेनापतियों में स्कन्द तथा जलाशयों में सागर हूँ ।
--
’स्कन्दः’ / 'skandaH' - kArtikeya, The six-faced son of shiva.
Chapter 10, shloka 24,
purodhasAM cha mukhyaM mAM
viddhi pArtha bRhaspatiM |
senAnInAM ahaM skandaH
sarasAmasmi sAgaraH ||
--
Meaning :
O partha (arjuna)! Of priests, Know Me to be the chief, Lord bRhaspati. Of generals, I AM kartikeya, and of water-bodies I AM the ocean.
--
____________________________
’स्कन्दः’ / 'skandaH' - षडानन, कार्तिकेय,
अध्याय 10, श्लोक 24,
पुरोधसां च मुख्यं मां विद्धि पार्थ बृहस्पतिम् ।
सेनानीनामहं स्कन्दः सरसामस्मि सागरः ॥
--
(पुरोधसाम् च मुख्यम् माम् विद्धि पार्थ बृहस्पतिम् ।
सेनानीनाम् अहं स्कन्दः सरसाम् अस्मि सागरः ॥)
--
हे पार्थ पुरोहितों में प्रधान, अर्थात् बृहस्पति मुझे ही जानो । सेनापतियों में स्कन्द तथा जलाशयों में सागर हूँ ।
--
’स्कन्दः’ / 'skandaH' - kArtikeya, The six-faced son of shiva.
Chapter 10, shloka 24,
purodhasAM cha mukhyaM mAM
viddhi pArtha bRhaspatiM |
senAnInAM ahaM skandaH
sarasAmasmi sAgaraH ||
--
Meaning :
O partha (arjuna)! Of priests, Know Me to be the chief, Lord bRhaspati. Of generals, I AM kartikeya, and of water-bodies I AM the ocean.
--
No comments:
Post a Comment