Monday, March 24, 2014

आज का श्लोक, ’सूयते’ / 'sUyate'

आज का श्लोक, ’सूयते’ / sUyate'
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’सूयते’ / 'sUyate' -  रचती / जन्म देती है,

अध्याय 9, श्लोक 10,
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मयाध्यक्षेण प्रकृतिः सूयते सचराचरम् ।
हेतुनानेन कौन्तेय जगद्विपरिवर्तते ॥
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(मया अध्यक्षेण प्रकृतिः सूयते स-चराचरम् ।
हेतुना-अनेन कौन्तेय जगत् परिवर्तते ॥)
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भावार्थ :
मेरे ही पूर्ण नियंत्रण में प्रकृति चर-अचर जगत् को जन्म देती है । इन हेतुओं से, इन कारणों, उद्देश्यों, प्रयोजनों आदि से, जगत् सतत् परिवर्तनों से गुज़रता हुआ प्रतीत होता रहता है ।
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’सूयते’ / 'sUyate' - manifests, delivers,
Chapter , shloka ,
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mayAdhyakSheNa prakRtiH
sUyate sa-charAcharaM |
hetunAnena kaunteya
jadadviparivartate ||
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Under My Authority, prakRti (The nature with its three attributes) manifests / gives birth to all animate and inanimate beings. And because of this reason only, world is in a state of continuous change.
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