Friday, July 11, 2014

आज का श्लोक, ’सनातनम्’ / ’sanātanam’

आज का श्लोक,
’सनातनम्’ / ’sanātanam’
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’सनातनम्’ / ’sanātanam’ - शाश्वत, सदा रहनेवाला,

अध्याय 4, श्लोक 31,

यज्ञशिष्टामृतभुजो यान्ति ब्रह्म सनातनम्
नायं लोकोऽस्त्ययज्ञस्य कुतोऽन्यः कुरुसत्तम ॥
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(यज्ञशिष्टामृतभुजः यान्ति ब्रह्म सनातनम्
न अयम् लोकः अस्ति अयज्ञस्य कुतः अन्यः कुरुसत्तम ॥)
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भावार्थ :
यज्ञ रूपी कर्म का अनुष्ठान करने के बाद शेष बचे अन्न (प्रसाद) का उपभोग करनेवाले सनातन ब्रह्म अर्थात् परमात्मा को प्राप्त हो जाते हैं । हे कुरुसत्तम् (कुरुश्रेष्ठ अर्जुन)! यज्ञ न करनेवाले के लिए तो यह मनुष्यलोक भी सुखदायी नहीं होता फ़िर वह अन्य (पर) लोक उसे कैसे सुखदायी हो सकता है?
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अध्याय 7, श्लोक 10,

बीजं मां सर्वभूतानां विद्धि पार्थ सनातनम्
बुद्धिर्बुद्धिमतामस्मि तेजस्तेजस्विनामहम् ॥
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(बीजम् माम् सर्वभूतानाम् विद्धि पार्थ सनातनम्
बुद्धिः बुद्धिमताम् अस्मि तेजः तेजस्विनाम् अहम् ॥)
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भावार्थ : हे पार्थ (अर्जुन) ! समस्त भूतों का सनातन बीज मुझको ही जानो । बुद्धिवान् पुरुषों में जो बुद्धि है, वह हूँ, तथा तेजस्वियों में जो तेज है, वह मैं ।

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’सनातनम्’ / ’sanātanam’ - everlasting, eternal,

Chapter 4, śloka 31,

yajñaśiṣṭāmṛtabhujo
yānti brahma sanātanam |
nāyaṃ loko:'styayajñasya
kuto:'nyaḥ kurusattama ||
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(yajñaśiṣṭāmṛtabhujaḥ
yānti brahma sanātanam |
na ayam lokaḥ asti ayajñasya
kutaḥ anyaḥ kurusattama ||)
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Meaning :
Those who feed on the foods left overs after performing a sacrifice (yajña ), attain and merge into The Eternal Supreme (sanātanam brahma) .  O (kurusattama > noble in the family of Kuru-s, arjuna,)! But one who does not perform sacrifice (yajña), one who does not think for doing charity for the good of all, can't hope happiness in this world while alive, what to say about his life here-after?
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Chapter 7, śloka 10,

bījaṃ māṃ sarvabhūtānāṃ
viddhi pārtha sanātanam |
buddhirbuddhimatāmasmi
tejastejasvināmaham ||
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(bījam mām sarvabhūtānām
viddhi pārtha sanātanam |
buddhiḥ buddhimatām asmi
tejaḥ tejasvinām aham ||)
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Meaning :
O pārtha (arjuna) ! Know Me the seed eternal, of all being, and Know, I AM the intellect in all those who have discretion and thought, the brilliance who have acumen of mind.
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